चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य की लगातार मांग और प्रयासों के जवाब में शुक्रवार को सिख समुदाय के प्रति विवादास्पद ब्लैकलिस्ट को रद्द करने के केंद्र के फैसले की सराहना की। इस सूची में 314 विदेशी सिखों के नाम थे, मांग पर विचार करते हुए केंद्र ने फैसला किया है। इस सूची में अब पंजाब से नहीं जुड़े केवल दो लोगों के नाम रह गए हैं।
इसके साथ ही विभिन्न देशों में जुड़ी हुई भारतीय मिशनों द्वारा रखरखाव किए जाने वाली लोकल एडवर्स लिस्ट के अभ्यास को भी केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है।
एक बयान में मुख्यमंत्री ने राज्य की मांग पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा है लिस्ट को लेकर कम या ज्यादा बतों पर विचार करने के लिए केंद्र का शुक्रिया। इसके बाद से बाहर रह रहे विदेशी सिख भारत में अपने नाते रिश्तेदारों से वीजा लेकर यहां आ सकेंगे और अपनी जमीन से जुड़े रहने में उन्हें मदद मिलेगी।
उनकी सरकार ने कहा कि अमरिंदर सिंह ने केंद्र के साथ मिलकर इस लिस्ट को हटाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया। इसे केंद्र सरकार और देश की एजेंसियों ने 2016 में मिलकर तैयार किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रत्येक सिख को पंजाब और दरबार साहिब में आने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि इसमें वह सिख भी शामिल है, जो विशेष रूप से ऑपरेशन ब्लूस्टार और सिख विरोधी दंगों के मद्देनजर 1980 और 1990 के दशक के अधिवासित वातावरण में भटक गए थे।"
(RTI NEWS)