नई दिल्ली, 14 नवंबर | सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने गुरुवार को सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 'अजान' का मुद्दा उठाया। वर्मा ने कहा, "सरकार को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।"
उन्होंने आईएएनएस को बताया, "आप जानते हैं, मस्जिद पर सुबह की प्रार्थनाओं या माइक के डेसीबल लेवल साउंड पर कई तरह के आदेश हैं।"
वर्मा ने कहा कि जब सुबह की अजान में डेसीबल लेवल पर नियम लागू नहीं किए जा सकते हैं, तो सबरीमाला में भी महिलाओं का प्रवेश नहीं होना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को इस मामले को एक बड़ी पीठ को सौंप दिया। हालांकि इसने पहले के नियम को बरकरार रखा है जिसमें केरल में स्थित इस मंदिर में महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी।
वैसे तो वर्मा ने इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने नाम लिए बगैर जामा मस्जिद के शाही इमाम पर निशाना साधा।
उन्होंने आईएएनएस से हुई बातचीत में यह भी कहा, "धर्म को लेकर कई एफआईआर विचाराधीन है, तो सरकार को तर्कसंगत तरीके से काम करना चाहिए।"
वर्मा ने इमाम बुखारी का नाम लिए बिना साल 2001 में सरकारी कर्मचारियों पर हमले और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों का जिक्र किया। जब मामला अदालत में पहुंचा तो तर्क दिया गया कि कानून और व्यवस्था की स्थिति में उनके खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। हालांकि साल 2016 में एक अदालत ने कहा कि जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी एक मस्जिद के प्रमुख होने के नाते इसका लाभ नहीं उठा सकते हैं और 'काल्पनिक' सांप्रदायिक तनाव का हवाला देकर अदालत को धमका नहीं सकते हैं।
सबरीमाला पर भाजपा का हमेशा से यही कहना रहा है कि परंपरा और विश्वास का सम्मान किया जाना चाहिए और इसे न्यायिक दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए, लेकिन वर्मा द्वारा 'अजान' के मुद्दे को उठाना और इमाम बुखारी पर तंज कसना, इसने इसे एक सांप्रदायिक मोड़ दे दिया है।