इस्लामबाद/पेरिस, 14 अक्टूबर | फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) आज (सोमवार को) फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुरू होने वाली अपनी प्लेनरी मीटिंग में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करेगा। आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बेहद अहम दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच गया है।
18 अक्टूबर तक चलने वाली बैठक में 200 से अधिक देशों और संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
अगर एफएटीएफ पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट होता है तो इसे ग्रे लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि, अगर पाकिस्तान यह साबित करने में नाकाम रहा कि उसने आतंक पर लगाम लगाने के लिए कैसे कदम उठाए हैं तो एफएटीएफ उसे काली सूची में डालने पर विचार कर सकता है।
हालांकि, पाकिस्तान को उम्मीद है कि मित्र देशों चीन, मलेशिया, तुर्की के समर्थन से वह काली सूची में डाले जाने से बच जाएगा और उसके ग्रे सूची में ही बने रहने की अधिक संभावना है।
जियो न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि एफएटीएफ की बैठक में अप्रैल 2019 तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट पर चर्चा होगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा कि इस्लामाबाद को अंतर-सरकारी संगठन की ग्रे लिस्ट से बाहर रखा जाए या नहीं।
एफएटीएफ बैठक में आतंकवादी फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी। वित्त और राजस्व मामले में प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल हाफीज शेख के अनुसार, इस्लामाबाद ने 20 कदम उठाए हैं और इन्हें पूरा किया है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने पहले ही एफएटीएफ के ज्यादातर सिफारिशों को लागू कर दिया था, जैसे कि आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाना।
इसके अलावा, इसने आतंकवादियों की संपत्तियों को जब्त करने के लिए भी कदम उठाए और उन्हें व्यापार करने से रोक दिया था।
पिछले सप्ताह, मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने अपनी बहु-प्रतीक्षित 228 पृष्ठ की रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसका शीर्षक 'म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट 2019' था, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर 40 मानकों में से 36 का आंशिक रूप से अनुपालन किया है।
तकनीकी अनुपालन रेटिंग के आधार पर, एपीजी रिपोर्ट से पता चला कि पाकिस्तान ने केवल एक पैरामीटर का पूरी तरह से अनुपालन किया, मोटे तौर पर नौ का अनुपालन किया गया था, और आंशिक रूप से 40 मानकों में से 26 का अनुपालन किया गया था।
एफएटीएफ की समीक्षा ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था और ग्रे सूची से बाहर आने के लिए उसे अनुपालन के लिए सितंबर 2019 तक 27 कार्य योजनाएं दी थीं।
पेरिस में एफएटीएफ की बैठक की यह आगामी समीक्षा अब तीन संभावनाओं के साथ पाकिस्तान की किस्मत का फैसला करेगी। समीक्षा के बाद उसे ग्रे लिस्ट से निकालकर ग्रीन लिस्ट में डाला जा सकता है, नौ से 12 महीने की विस्तारित अवधि के साथ ग्रे सूची में बनाए रखा जा सकता है और सबसे खराब स्थिति में तीसरा परिदृश्य यह हो सकता है कि देश को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है, ऐसा किए जाने पर देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।