X Close
X

एपीजी ने पाकिस्तान पर निगरानी तंत्र बढ़ाया


New Delhi:

इस्लामाबाद, 24 अगस्त | एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) ने पाकिस्तान पर निगरानी तंत्र बढ़ा दिया है, क्योंकि पाकिस्तान सरकार समूह की 40 सिफारिशों में से 11 को लागू करने में नाकाम रही। अब पाकिस्तान को 1 फरवरी, 2020 को इन 40 सिफारिशों पर एपीजी को नई रिपोर्ट देनी होगी। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के प्रवक्ता ने हालांकि एशिया प्रशांत समूह की पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की खबरों को खारिज किया है।

द न्यूज की शनिवार की रिपोर्ट में कहा गया कि जियो न्यूज से बात करते हुए प्रवक्ता एलेक्जेंड्रा विजेंगा ने स्पष्ट किया कि केवल एफएटीएफ को ब्लैक लिस्ट करने का अधिकार था, न कि उसके क्षेत्रीय सहयोगी एपीजी को। प्रवक्ता के अनुसार, एफएटीएफ की 14-18 अक्टूबर को पेरिस में बैठक होगी, जहां इस पर निर्णय लिया जाएगा।

इससे पहले, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने भारतीय मीडिया में उन खबरों को खारिज कर दिया था जिनमें कहा गया था कि पाकिस्तान को एपीजी द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया था। मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "मीडिया में ऐसी खबरें चलाई जा रही है कि एपीजी द्वारा पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, जो कि पूरी तरह से गलत और निराधार हैं।"

बयान में कहा गया, "एपीजी ने अपने तीसरे दौर की आपसी मूल्यांकन प्रक्रिया के अनुसार पाकिस्तान पर निगरानी तंत्र बढ़ाया है। इसके बाद पाकिस्तान को सिफारिशों पर की गई कार्रवाई के संबंध में हर तीसरे महीने फॉलो अप प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।"

एपीजी ने 18-23 अगस्त को हुई अपनी बैठक में पाकिस्तान की तीसरी पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट पर चर्चा की। एपीजी ने इसके बाद बयान में कहा, "सप्ताह के दौरान, एपीजी के सदस्यों ने छह महत्वपूर्ण पारस्परिक मूल्यांकन रिपोटरें पर चर्चा की, जिसमें चीन, चीनी ताइपे, हांगकांग, पाकिस्तान, फिलीपींस और सोलोमन द्वीपों का विश्लेषण किया गया और दो दिनों तक इस पर विस्तार से चर्चा की गई और अब समीक्षा के बाद अंतिम निर्णय अक्टूबर 2019 की शुरुआत में ले लिया जाएगा।"

पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को वित्तपोषण रोकने में नाकाम रहने के कारण अब बढ़े हुए निगरानी तंत्र के कारण वॉचडॉग की नजर में आ गया है। पेरिस में अक्टूबर में होनेवाली एफएटीएफ की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान के ग्रे सूची से बाहर निकलने की संभावनाएं क्षीण हो गई है और हो सकता है कि उसे विस्तारित ग्रे सूची में डाल दिया जाए। इसके बाद पाकिस्तान वैश्विक दवाब और बढ़ जाएगा और उसे आतंकवाद का वित्त पोषण और मनी लांडरिंग रोकने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे।

 

RTI News