बीजिंग, 14 अक्टूबर | चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 11 से 13 अक्टूबर तक भारत और नेपाल की सफलतापूर्ण यात्रा की।
शी ने भारत के चेन्नई में आयोजित दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता में भाग लिया और फिर नेपाल की राजकीय यात्रा की। भारत और नेपाल चीन के दो महत्वपूर्ण दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं। अगले साल चीन-भारत संबंधों की 70वीं वषगांठ तथा चीन-नेपाल संबंधों की 65वीं जयंती होगी। राष्ट्रपति शी की सफल यात्राओं से न सिर्फ दोनों के बीच विश्वास को बढ़ाया गया है, बल्कि आपस में सहयोग को भी गहराया गया है। यात्रा के दौरान चीन और भारत के नेताओं ने गहन रूप से विचारों का आदान प्रदान किया, मौजूद मतभेदों को सुनियोजित तौर पर संभाला और रणनीतिक विश्वास को बढ़ा दिया। चीन और भारत दोनों विश्व में एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश हैं और महत्वपूर्ण नव उभरती शक्तियां हैं। व्यापार संरक्षणवाद उभरने के रुझान में चीन और भारत के बीच आरसीईपी संपन्न करने के लिए कोशिशों से आर्थिक वैश्विकरण में नयी जीवन शक्ति डाली जाएगी।
उधर राष्ट्रपति शी की नेपाल यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों के तीव्र विकास होने का नया युग खोला गया है। यह बीते 23 सालों में किसी चीनी राष्ट्रपति ने नेपाल की यात्रा की जिससे दोनों देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग में नयी शक्ति डाली गई है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा से चीन और दक्षिण एशियाई देशों के बीच हाथ में हाथ डालकर बेल्ट एंड रोड का निर्माण करने, क्षेत्रीय व विश्व की शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
(साभार---चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)
(RTI NEWS)