नई दिल्ली/बेंगलुरू| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हाल ही में ग्रीनपीस इंडिया के दफ्तरों पर छापेमारी के बाद संगठन ने जलवायु और पर्यावरण को बचाने की अपनी लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है। ईडी की कार्रवाई के बाद फंड संकट से जूझ रहे नई दिल्ली, पटना, बेंगलुरू के ग्रीनपीस कार्यकर्ताओं ने वॉलिंटियर के रूप में अपना काम जारी रखने की बात कही। ग्रीनपीस इंडिया की कैंपेन डायरेक्टर दिया देब ने कहा, "इस तरह की कार्रवाई ग्रीनपीस को पूरे देश में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की लड़ाई से विचलित नहीं कर सकती। भारतीय नागरिक ग्रीनपीस इंडिया को इसलिए चंदा देते हैं क्योंकि वह साफ हवाएं, सुरक्षित भोजन और स्वच्छ ऊर्जा के अधिकार पर विश्वास करते हैं।"
दिया कहती है, "सरकार सिर्फ हमारे बैंक खाते को बंद कर सकती है लेकिन ग्रीनपीस एक विचार है जिसे खत्म नहीं किया जा सकता है। भले ही हममें से ज्यादातर लोग ग्रीनपीस में काम नहीं कर रहे होंगे लेकिन पर्यावरण न्याय और शांति के लिये हमारे अभियान जारी रहेंगे।"
दिया ने कहा, "ग्रीनपीस इंडिया ने हाल ही में देश की वायु गुणवत्ता पर एक रिपोर्ट जारी की है। हमलोग लगातार सरकार को बेहतर नीतियां बनाने के लिये दबाव डालते रहेंगे। हमलोग लोगों के स्वास्थ्य के लिये स्वच्छ वायु की मांग जारी रखेंगे।"
भोपाल गैस त्रासदी से लेकर स्वच्छ ऊर्जा तक के अभियान में हिस्सा लेने वाले ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकर्ता सत्यपाल नौबतलाल ने कहा, 'मैंने ग्रीनपीस इंडिया को कई संकटों के वक्त देखा है और हम उनसे उबरे हैं। इस बार भी कुछ अलग नहीं है। लेकिन आज हम अपनी नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं क्योंकि सरकार ने सारी असहमति की आवाज को दबाने का फैसला लिया है।"
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